मंगलवार, 23 जुलाई 2013

मैंने फेसबुक पर आने के पहले कभी सोचा नहीं था की मेरे भी इतने दोस्त बन सकते है ,मैंने आज तक तो किसी से दोस्ती की नहीं थी ,पर फेसबुक पर आप सब से मिल कर कुछ पल के लिए लगा की फेसबुक की दुनिया बहुत सुंदर है पर ऐसा नहीं है ,आज फेसबुक पर सक्रिय रूप से मेरा अंतिम दिन है ,इसके बाद में फेसबुक पर अब कभी कभी ही पल दो पल के लिए मिलूँगा ,यदि मैंने अपने मन ,वचन और कर्म से किसी को कोई दुःख पहुचाया हो तो माफ़ करना .


रंजीत मिश्रा

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