जो व्यक्ति हर समय संग्राम से जूझने के लिए तैयार रहता है , जो संकट की आग से बच निकलना जानता है ,जो अपनी बड़ी से बड़ी उलझन को सुलझाने के लिए शक्ति निरंतर संचित करता रहता है उसे कौन पराजित कर सकता है ,
आत्मविश्वास और आत्मबल ये दोनों हमेसा हमारे अन्दर से आते है , इन्हें बाहर खोजने की आवश्कता नहीं होती है , किसी भी व्यक्ति में ललक और आत्मविश्वास से एकाग्रता आती है , जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है वह दूसरो का भी विस्वास जीत लेता है, यदि हमें सफलता चाहिए तो सबसे पहले हमें अपने आप में सहनशीलता व् आत्मविश्वास पैदा करना आना चाहिए .
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